जब भी हम कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पढ़ते हैं तो हमें कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार के बारे में भी पढ़ना होता है Distributed ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रकार होता है इसलिए इस आर्टिकल में हम Distributed Operating System In Hindi के बारे में पढ़ने वाले हैं यदि आप Distributed ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें इस आर्टिकल में आपको इस टॉपिक से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी।
Distributed Operating System In Hindi
Distributed Operating System एक ऐसा सिस्टम है जो कई स्थानों पर स्थित संगठनों के कंप्यूटरों को संचालित करता है। इसका उद्देश्य कम्प्यूटर संसाधनों का उपयोग ज्यादा अधिक स्थानों से करना होता है जो सभी कंप्यूटरों में उपलब्ध नहीं होते हैं। यह सिस्टम सभी कंप्यूटरों को समान रूप से व्यवस्थित करने के लिए नेटवर्क के माध्यम से जुड़ा होता है।
इस प्रकार, उपयोगकर्ता केवल अपने कंप्यूटर पर काम करता है और सिस्टम अन्य कंप्यूटरों में काम करता है। उदाहरण के रूप में यह सिस्टम इंटरनेट, बैंकिंग, रियल-टाइम डेटाबेस, Distributed कंप्यूटिंग और स्टोरेज सिस्टम में उपयोग किया जाता है।
Client Server System
क्लाइंट सर्वर सिस्टम एक नेटवर्क की व्यवस्था है, जो दो भागों से मिलकर बनती है। एक भाग क्लाइंट कहलाता है जो उपयोगकर्ताओं के लिए सेवाएं प्रदान करता है, और दूसरा भाग सर्वर होता है जो सेवाएं प्रदान करता है। उपयोगकर्ता कंप्यूटर क्लाइंट होते हैं जो संचार के माध्यम से सर्वर से संचरण करते हैं। क्लाइंट सर्वर सिस्टम आजकल इंटरनेट, ईमेल, फाइल स्टोरेज और डेटाबेस मैनेजमेंट जैसे कई क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
Peer to Peer System
Peer to Peer सिस्टम एक ऐसा नेटवर्क है जिसमें सभी कंप्यूटर बराबरी के होते हुए एक दूसरे से संचरण करते हैं। इस तरह के नेटवर्क में, हर कंप्यूटर peer कहलाता है जो संचार के लिए जवाबदेह होता है। कंप्यूटर या peer इस नेटवर्क में साथी कंप्यूटरों से सीधे संचार करते हैं और आपस में संचार शुरू कर सकते हैं। इस प्रकार का नेटवर्क Peer to Peer फाइल शेयरिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ऑनलाइन गेमिंग जैसे कई क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
Middleware
Middleware एक सॉफ्टवेयर है जो अन्य सॉफ्टवेयर के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है। इससे एक सॉफ्टवेयर अन्य सॉफ्टवेयर के साथ संचार करने में सक्षम होता है बिना उनकी विस्तृत जानकारी और प्रत्यक्ष संचरण के। यह नेटवर्किंग और डेटाबेस सिस्टम्स में उपयोग किया जाता है।
Three-tier
Three-tier एक आर्किटेक्चर है जो किसी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन को तीन भिन्न लेयर में विभाजित करती है। पहली लेयर, क्लाइंट लेयर होती है, जो उपयोगकर्ता के इंटरफेस से संचार करती है। दूसरी लेयर, सर्वर लेयर होती है, जो उपयोगकर्ता के डेटा को प्रोसेस करती है तथा तीसरी लेयर, डेटाबेस लेयर होती है, जो डेटा स्टोर करती है और डेटा बेस्ड सर्विस प्रदान करती है।
Three-tier आर्किटेक्चर उन एप्लीकेशन्स के लिए उपयोगी होती है जिनमें बड़े मात्राओं में डेटा प्रोसेस किया जाता है और विस्तृत स्केलिंग आवश्यक होती है।
N-tier
N Tier एक software architecture है जो एक application को कई अलग-अलग layers में विभाजित करता है। इसमें presentation, application logic और data storage जैसे कुछ layers होते हैं। यह architecture किसी भी बड़े और scalable application के लिए बहुत उपयुक्त होती है।
Features of Distributed Operating System in Hindi
डिस्ट्रिब्यूटेड इन ऑपरेटिंग सिस्टम की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित दी गई हैं-
Resources Sharing
यूजर्स डिसटीब्युटेड ऑपरेटिंग सिस्टम से संसाधनों को सुरक्षित तरीके से शेयर कर सकते हैं तथा इन सभी संसाधनों पर यूजर्स द्वारा पूरा कंट्रोल किया जा सकता है।
Heterogeneity
Heterogeneity का मतलब यह होता ही कि Distributed Operating System के पार्ट्स अलग अलग हो सकते हैं जैसे OS, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, नेटवर्क, हार्डवेयर इत्यादि।
Flexibility
यह सिस्टम हाई लेवल और एडवांस सर्विस प्रदान करते हैं तथा यह ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत फ्लैक्सिबल होते हैं।
Transparency
Transparency इस सिस्टम की महत्वपूर्ण विशेषता है इस DOS में रिसोर्ट को शेयर करते समय उन्हें hide कर दिया जाता है ताकि रिसोर्ट स्कोर सुरक्षित साझा किया जा सके और इसमें यूज़र्स तक पूरी transparency रखी जाती है।
Scalability
इस सिस्टम में Scalability होता है ताकि इसको बढ़ाया जा सके।
Advantages of Distributed operating system in Hindi
डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ नुकसान निम्नलिखित दिए गए हैं-
- संचार का अधिकतम उपयोग: Distributed operating system का उपयोग करके एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में आसानी से संचार किया जा सकता है।
- इससे संचार की सुविधा बढ़ती है और सिस्टम के अलग-अलग हिस्सों के बीच आसानी से डेटा को शेयर किया जा सकता है।
- डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से सुरक्षा अधिक बेहतर होती है क्योंकि जब एक सिस्टम में संघटित डेटा को आप दूसरे सिस्टम में डिस्ट्रिब्यूटेड करते हो तो उससे आपको सिस्टम को हानि होने से रोका जा सकता है।
- इसमे स्केलेबिलिटी की अधिक संभावना होती है Distributed ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत ही स्केलेबल होता है।
- Distributed ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से उसे आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं।
- Distributed operating system डेटा करप्शन को कम करता है।
Disadvantages of Distributed operating system in Hindi
डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ नुकसान निम्नलिखित दिए गए हैं-
- सुरक्षा संबंधी समस्याएं: डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम में सुरक्षा समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता होती है।
- नेटवर्क का अनिश्चितता: डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के अनुभव में, नेटवर्क में समस्याएं उत्पन्न होने के संभावना बढ़ जाती हैं। इससे सिस्टम की प्रदर्शन कम हो सकती है और संचार की त्रुटियों का सामना करना पड़ सकता है।
- सिस्टम का प्रबंधन: डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रबंधित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। क्योंकि इसमें अनेक सिस्टम होते हैं जो अलग-अलग नेटवर्क में हो सकते हैं, इसलिए इन सिस्टमों को प्रबंधित करना थोड़ा अधिक परेशानी पूर्ण होता है।
- संचार के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता: डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम में, संचार के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकत हो सकती है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम, डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के लाभ और हानि के बारे में पढ़ा है मुझे आशा है कि इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अजी आप को दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
FAQ
Distributed System क्या है इसकी उपयोगिता बताइए?
Distributed Operating System एक ऐसा सिस्टम है जो कई स्थानों पर स्थित संगठनों के कंप्यूटरों को संचालित करता है। इसका उद्देश्य कम्प्यूटर संसाधनों का उपयोग ज्यादा अधिक स्थानों से करना होता है जो सभी कंप्यूटरों में उपलब्ध नहीं होते हैं। यह सिस्टम सभी कंप्यूटरों को समान रूप से व्यवस्थित करने के लिए नेटवर्क के माध्यम से जुड़ा होता है।
सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कौन से हैं?
MS-DOS, Palm OS etc.
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण कौन कौन से हैं?
1. विंडोज (Windows): यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित और प्रसारित किया गया है.
2. लिनक्स (Linux): यह एक मुक्त और ओपन स्रोत ऑपरेटिंग सिस्टम है जो वैश्विक स्तर पर उपयोग किया जाता है।
3. मैक ओएस (Mac OS): यह एप्पल इंक द्वारा विकसित और उपयोग किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है.
4. यूनिक्स (Unix): यह एक औपचारिक मानक ऑपरेटिंग सिस्टम है.
5. एंड्रॉइड (Android): एंड्रॉइड एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जो गूगल द्वारा विकसित और प्रसारित किया गया है।
भारत का पहला ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा है?
भारत का पहला ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS लॉन्च किया जा चूका है.
मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा है?
Android, Windows Phone, iOS, Blackberry OS और Symbian इत्यादि मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के अंतर्गत आते है.
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