Domain Name System in Hindi | DNS क्या है?

कल्पना कीजिए कि आप किसी ऑटो-रिक्शा चालक को केवल “ताजमहल” कहते हैं और वह बिना किसी और जानकारी के सीधे आपके गंतव्य पर पहुँच जाता है। इंटरनेट की दुनिया में, डोमेन नेम सिस्टम (DNS) ठीक यही कार्य करता है। यह उन संख्यात्मक पतों (IP एड्रेस) को हमारी सामान्य भाषा (डोमेन नाम) में परिवर्तित करता है, जिन्हें याद रख पाना हमारे लिए अत्यंत कठिन है। आइए, हिंदी में समझते हैं कि यह प्रणाली किस प्रकार हर एक क्लिक को उसके सही स्थान तक पहुँचाती है।

DNS क्या है?

DNS एक वैश्विक “अनुवादक” की तरह है जो डोमेन नामों (जैसे कि shiksha.com) को कंप्यूटर की भाषा (उदाहरण के लिए IP: 104.18.35.208) में बदलता है। DNS के अभाव में, प्रत्येक वेबसाइट को खोजने के लिए हमें उसका अंकीय कोड याद रखना पड़ता, ठीक वैसे ही जैसे किसी मित्र का नाम याद न रखकर केवल उसका मोबाइल नंबर याद रखना।

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उदाहरण:

  • irctc.co.in → IP: 103.17.72.24 (आईआरसीटीसी की वेबसाइट)
  • jio.com → IP: 136.143.196.101 (रिलायंस जियो)

DNS कैसे कार्य करता है? एक वेबसाइट खोजने की कहानी

मान लीजिए कि आपने khanacademyhindi.org टाइप किया। इस प्रक्रिया में DNS चार मुख्य घटकों की सहायता लेता है:

  1. उपयोगकर्ता का उपकरण: “क्या कोई बता सकता है कि यह वेबसाइट कहाँ स्थित है?” (यह प्रश्न प्रक्रिया की शुरुआत करता है)।
  2. रिज़ॉल्वर (ISP): आपका इंटरनेट सेवा प्रदाता (जैसे जिओ/एयरटेल) का सर्वर, जो सबसे पहले अपने अस्थायी मेमोरी (कैश) में खोजता है।
  3. रूट सर्वर: “आप हिंदी वेबसाइट ढूंढ रहे हैं? .org के विशेषज्ञ से संपर्क करें!” (यह TLD सर्वर का पता बताता है)।
  4. TLD सर्वर: “.org डोमेन से संबंधित जानकारी XYZ सर्वर पर उपलब्ध है।”
  5. अथॉरिटेटिव सर्वर: “यह रहा असली IP एड्रेस: 104.18.34.56!”

यह पूरी प्रक्रिया आधे सेकंड से भी कम समय में संपन्न हो जाती है!

DNS के मुख्य भाग

  • रिकर्सिव रिज़ॉल्वर: यह आपके ISP का सर्वर होता है, जो आपकी खोज का पहला पड़ाव है।
  • रूट ज़ोन सर्वर: ये इंटरनेट की 13 आधारभूत “जड़ें” हैं, जो शीर्ष-स्तरीय डोमेन (TLDs) जैसे .com और .in का मार्ग दर्शाती हैं।
  • TLD सर्वर: ये डोमेन एक्सटेंशन में विशेषज्ञ होते हैं (उदाहरण के लिए, .in सर्वर भारतीय वेबसाइटों का प्रबंधन करते हैं)।
  • अथॉरिटेटिव सर्वर: यह वेबसाइट का “आधिकारिक सर्वर” होता है, जो अंतिम IP एड्रेस प्रदान करता है।

भारतीय संदर्भ: NIC (नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया) .in डोमेन के लिए TLD सर्वर का प्रबंधन करता है।

DNS क्वेरीज़: तीन प्रकार की खोज

  • रिकर्सिव क्वेरी: “मुझे उत्तर चाहिए, भले ही इसके लिए कितनी भी मेहनत करनी पड़े!” (ISP सर्वर सभी आवश्यक चरणों को स्वयं पूरा करता है)।
  • इटरेटिव क्वेरी: “मैं स्वयं विभिन्न सर्वरों से पूछताछ करूँगा!” (उपयोगकर्ता का उपकरण सीधे अलग-अलग सर्वरों से जानकारी मांगता है)।
  • कैश्ड क्वेरी: “इसका जवाब तो मेरे पास पहले से ही मौजूद है!” (पहले से संग्रहित उत्तर तुरंत प्रदान किया जाता है)।

DNS का महत्व: भारतीय इंटरनेट की आधारशिला

  • गति: DNS प्रीफ़ेचिंग तकनीक (जैसे क्रोम ब्राउज़र में) वेबसाइटों को कुछ ही पलों में लोड कर देती है।
  • सुरक्षा: DNSSEC प्रोटोकॉल नकली डोमेन (जैसे paytm-fake.com) को ब्लॉक करने में मदद करता है।
  • लचीलापन: 2023 में, जिओ के DNS में आई समस्या के कारण लाखों उपयोगकर्ता लगभग 2 घंटे तक इंटरनेट से वंचित रहे।

विशेष सुझाव: भारत में, सरकारी वेबसाइटें (जैसे india.gov.in) अक्सर .gov.in डोमेन का उपयोग करती हैं, जिसका DNS प्रबंधन NIC द्वारा किया जाता है।

DNS समस्याएँ: लक्षण और घरेलू समाधान

  • ‘DNS प्रोपेगेशन’ में देरी: नई वेबसाइट लॉन्च होने के बाद 48 घंटे तक का इंतजार क्यों करना पड़ता है?
    • कारण: दुनिया भर के सर्वरों को अपडेट होने में समय लगता है।
    • समाधान: TTL (टाइम टू लिव) मान को 300 सेकंड पर सेट करें।
  • ‘DNS स्पूफिंग’: हैकर्स आपको नकली IP एड्रेस पर भेज सकते हैं (जैसे नकली SBI पेज)।
    • बचाव: HTTPS वाली वेबसाइटों पर ही जाएँ और क्लाउडफ्लेयर जैसे सुरक्षित DNS प्रदाताओं का उपयोग करें।

भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए DNS प्रदाता: कौन बेहतर है?

  • Google DNS (8.8.8.8): वैश्विक स्तर पर तेज, लेकिन डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताएँ हैं।
  • Cloudflare (1.1.1.1): तेज और मुफ्त मैलवेयर सुरक्षा प्रदान करता है।
  • OpenDNS: बच्चों के लिए सुरक्षित रखने हेतु पैरेंटल कंट्रोल सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
  • ISP DNS: जिओ/एयरटेल के सर्वर स्थानीय वेबसाइटों के लिए तेज हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ वेबसाइटों को ब्लॉक कर देते हैं।

जाँच सुझाव: CMD में nslookup example.com टाइप करके देखें कि वर्तमान में कौन सा DNS प्रदाता उपयोग हो रहा है।

निष्कर्ष: DNS को समझना क्यों महत्वपूर्ण है?

चाहे आप ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हों या व्हाट्सएप का उपयोग कर रहे हों, DNS हर पल आपके साथ काम कर रहा है। अगली बार जब इंटरनेट धीमा हो, तो DNS बदलकर देखें। क्या आप जानते हैं कि TRAI ने भारत में DNS प्रदाताओं के लिए गोपनीयता संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं? अपनी DNS सेटिंग्स की जाँच करें और टिप्पणी में बताएँ कि कौन सा प्रदाता बेहतर प्रदर्शन करता है!

FAQ: DNS पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • DNS और VPN में क्या अंतर है?
    • DNS केवल वेब पतों का अनुवाद करता है, जबकि VPN आपके स्थान और इंटरनेट गतिविधि को एन्क्रिप्ट करता है।
  • मोबाइल में DNS कैसे बदलें?
    • सेटिंग्स → वाई-फाई/मोबाइल नेटवर्क → DNS को मैन्युअल रूप से डालें (जैसे 1.1.1.1)।
  • फ्री बनाम प्रीमियम DNS: क्या अंतर है?
    • प्रीमियम DNS (जैसे क्लाउडफ्लेयर प्रो) DDoS सुरक्षा और प्राथमिकता सहायता प्रदान करता है।
  • ‘.in’ डोमेन का DNS कौन प्रबंधित करता है?
    • भारत में NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) .in डोमेन के लिए आधिकारिक सर्वर का संचालन करता है।
  • DNS कैश कैसे साफ़ करें?
    • CMD में ipconfig /flushdns कमांड चलाएँ या अपने राउटर को रीस्टार्ट करें।

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