सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?

सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं: दोस्तों यदि आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं फिर वह चाहे आप कंप्यूटर चलाते हो या स्मार्टफोन आपने एक शब्द का प्रयोग जरूर सुना होगा सॉफ्टवेयर, आखिर सॉफ्टवेयर क्या होता है? सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं? सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं? सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

यदि आप सॉफ्टवेयर के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि इस आर्टिकल में हमने आपको सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद सॉफ्टवेयर के बारे में कहीं और आपको सर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी।

सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं?– Software Kise Kahate hain

सॉफ्टवेयर, प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए निर्देशों का ऐसा समूह होता है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर और मसीनो को संचालित करने के लिए किया जाता है जिससे हम मसीनों के द्वारा अपने विशिष्ट कार्यों का निष्पादित कर सके, सॉफ्टवेयर का प्रमुख कार्य मशीन अथवा कंप्यूटर के सभी भागों को आपस में जोड़ने का होता है।

क्या होता है

सॉफ्टवेयर का प्रमुख उद्देश्य डेटा को सूचना में परिवर्तित करने का होता है जिस प्रकार से सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को निर्देश देते हैं ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में मौजूद हार्डवेयर कार्य करते हैं सॉफ्टवेयर को हम छू नहीं सकते हैं इसे हम सिर्फ देख सकते हैं।

सॉफ्टवेयर का इतिहास

मैडम लवलेस के द्वारा 19वीं शताब्दी में दुनिया का पहला प्रोग्राम बनाया गया था जिसको चार्ल्स बैबेज की एनालिटिकल इंजन के द्वारा प्रकाशित किया गया था मैडम लवलेस को First Programer of the World भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने सर्वप्रथम प्रोग्राम बनाया जिससे सॉफ्टवेयर बनाए गए।

सॉफ्टवेयर का क्या काम है?

किसी भी सॉफ्टवेयर का क्या कार्य है इस बात पर निर्भर करता है कि उस सॉफ्टवेयर को किस उद्देश्य के लिए बनाया गया है उदाहरण के हिसाब से हम समझ सकते हैं कि जिस सॉफ्टवेयर को किसी कंप्यूटर के समस्त प्रोसेसिंग को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया हो वह ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर के अंतर्गत आता है तथा कुछ सॉफ्टवेयर किसी निश्चित कार्य के लिए बनाए जाते हैं, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के अंतर्गत होते हैं।

साधारण भाषा में समझे तो सॉफ्टवेयर का कार्य मनुष्य के द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर में प्रोसेस करके मानव को उसकी आवश्यकता के अनुसार रिजल्ट दिखाना और उसके द्वारा किए गए कार्यों को सरल करने का होता है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार – Type of Software

यदि हम सॉफ्टवेयर के प्रकार की बात करें तो यह तीन प्रकार के होते हैं जिसके बारे में आपको निम्नलिखित जानकारी दी गई है।

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
  • यूटिलिटी सॉफ्टवेयर

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होते हैं जो कंप्यूटर के हार्डवेयर को नियंत्रित करने, कंप्यूटर के प्रोग्राम को चलाने तथा उसके विभिन्न भागो में अंतरिक समन्वय बनाने और कंप्यूटर की सभी क्षमताओं का अच्छी तरह से उपयोग करने के लिए बनाए जाते हैं।

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में स्थित सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर होता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर में शामिल होने वाले वे समस्त प्रोग्राम शामिल रहते हैं जो कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रण करने का कार्य करते हैं। सिस्टम सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण निम्नलिखित दिए गए हैं।

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में होने वाले समस्त प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है तथा कंप्यूटर में जो भी प्रोग्राम Run किया जाता है और सिर्फ ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से संभव हो पाता है ऑपरेटिंग सिस्टम, सिस्टम सॉफ्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है।

डिवाइस ड्राइवर (Device Driver)

यह सॉफ्टवेयर किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं यह किसी एक कार्य को संपन्न करने में मदद करते हैं, यह उपयोगकर्ता और डिवाइस के मध्य इंटरफ़ेस का कार्य करते हैं। यह किसी एक निश्चित कार्य के लिए बनाए जाते हैं।

भाषा अनुवादक (Language Translator)

इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का उपयोग कंप्यूटर के अंदर विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम को किसी भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को कंप्यूटर की भाषा में अनुवाद करने के लिए किया जाता है ताकि यूजर द्वारा दिए गए कमांड को कंप्यूटर के द्वारा समझा जा सके और उसका सही उत्तर यूजर को दिया जा सके।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

ऐसे सॉफ्टवेयर जिनको हमारे किसी एक खास कार्य के लिए बनाया जाता है एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहलाते हैं एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के अंदर कार्यालय के कार्य, लेनदेन संबंधित कार्य, रिपोर्ट तैयार करना, डॉक्यूमेंट तैयार करना इत्यादि कार्य किए जाते हैं एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को उनकी आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल किया जाता है और इस प्रकार की सॉफ्टवेयर आवश्यकता को देखते हुए बनाए जाते हैं। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के दो प्रकार है-

सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर (General Purpose Software)

सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होते हैं जिनको यूजर्स के द्वारा यूजर्स की आवश्यकता के अनुसार उपयोग में लाया जाता है सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है-

  • वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर (Word Processing Software)
  • डाटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम (Database Management System)
  • प्रेजेण्टेशन सॉफ्टवेयर (Presentation Software)
  • इलेक्ट्रॉनिक स्प्रैडशीट्स (Electronic Spreadsheets)

विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर (Specific Purpose Software)

विशिष्ट उद्देश्य सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ताओं की किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाया जाता है इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का केवल एक उद्देश्य होता है सामान्यतः विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर के रूप में उपयोग किए जाने वाले कुछ सॉफ्टवेयर निम्नलिखित दिए गए हैं-

  • पेरोल मैनेजमेण्ट सिस्टम
  • इन्वैण्ट्री मैनेजमेण्ट सिस्टम एण्ड परचेजिंग सिस्टम
  • होटल मैनेजमेण्ट सिस्टमं

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का प्रयोग कंप्यूटर के रखरखाव से संबंधित कार्यों के लिए किया जाता है इस प्रकार के प्रोग्राम कंप्यूटर के कार्य को सरल करने तथा उसे अशुद्धियों से दूर करने तथा सिस्टम के अन्न सुरक्षा कार्य को संपन्न करने के लिए बनाए जाते हैं यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण आपको निम्नलिखित दिए गए हैं।

डिस्क फ्रेग्मेण्टर (Disc Fragmenter)

डिस्क फ्रेग्मेण्टर का कार्य हार्ड डिस्क के अंदर मौजूद फाइलों को सर्च करके उनको एक स्थान पर लाने का होता है इसका उपयोग हार्ड डिक्स में फाइल्स और खाली जगह को व्यवस्थित करने का होता है।

एंटीवायरस (Antivirus)

ऐसे यूटिलिटी सॉफ्टवेयर जिनका प्रयोग कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए किया जाता है, एंटीवायरस का सामान्य कार्य कंप्यूटर के अंदर वायरस को ढूंढकर उसको डिलीट करने का होता है मार्केट में आपको बहुत सारे कंपनी के एंटीवायरस मिल जाएंगे यह सभी यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के अंतर्गत आते हैं।

डिस्क कम्प्रेशन (Disc Compression)

डिस्क कंप्रेशन का प्रयोग हार्ड डिस्क पर उपस्थित सूचना में दवाव डालकर उसको संकुचित करने के लिए किया जाता है जिससे हार्ड डिक्स में अधिक सूचनाओं को स्टोर करने में सफलता प्राप्त हो।

डिस्क क्लीनर्स (Disc Cleaners)

डिस्क क्लीनर्स का कार्य उन फाइलों को ढूंढ कर डिलीट करने का होता है जिनको बहुत समय से उपयोग में नहीं लाया गया होता है इसकी मदद से कंप्यूटर की गति को भी तेज किया जा सकता है।

FAQs

सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं?

सॉफ्टवेयर, प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए निर्देशों का ऐसा समूह होता है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर और मसीनो को संचालित करने के लिए किया जाता है जिससे हम मसीनों के द्वारा अपने विशिष्ट कार्यों का निष्पादित कर सके।

सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है?

सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं जिसके बारे में आपको निम्नलिखित जानकारी दी गई है-
सिस्टम सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर।

सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदाहरण

ऑपरेटिंग सिस्टम, डिवाइस ड्राइवर, भाषा अनुवादक इत्यादि।

सॉफ्टवेयर का उदाहरण क्या है?

 MS Office, एंटीवायरस, नोटपैड, वर्डपैड इत्यादि सॉफ्टवेर के उदहारण है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि सॉफ्टवेयर क्या है? सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं? सॉफ्टवेयर का क्या कार्य है? और सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं? हमें आशा है कि सॉफ्टवेयर के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।

यदि सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो ईसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें यदि इससे संबंधित आपको कोई प्रश्न है तो आप कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

ये भी पढ़े –

Sharing Is Caring:

मैं एक हिंदी ब्लॉगर हूँ, मेरा नाम हरपाल प्रजापति है और यहाँ पर हम इंटरनेट, कंप्यूटर, टेक्नोलॉजी और गेमिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और अपडेट्स आप के साथ साझा करते हैं।

Telegram Group (Join Now) Join Now

Leave a comment